अमेरिका की पूर्व संयुक्त राष्ट्र राजदूत और रिपब्लिकन पार्टी की कद्दावर नेता निक्की हेली ने पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को भारत-अमेरिका रिश्तों को लेकर कड़ी चेतावनी दी है। उन्होंने साफ कहा कि अगर अमेरिका ने भारत से भरोसा तोड़ा, तो यह न केवल रणनीतिक गलती होगी, बल्कि पिछले 25 सालों की मेहनत पर पानी फिर जाएगा। भारत-अमेरिका रिश्तों की अहमियत आपको बता दें, निक्की हेली ने अपने बयान में इस बात पर जोर दिया कि भारत और अमेरिका के रिश्ते सिर्फ कूटनीतिक या आर्थिक नहीं हैं, बल्कि यह दो बड़ी लोकतांत्रिक शक्तियों की साझेदारी है। उन्होंने कहा कि आज की वैश्विक राजनीति में भारत एक उभरती हुई ताकत है और अमेरिका के लिए उसका महत्व पहले से कहीं ज्यादा बढ़ गया है। चाहे बात इंडो-पैसिफिक क्षेत्र की सुरक्षा की हो या तकनीकी सहयोग और रक्षा साझेदारी की, भारत और अमेरिका का साथ दोनों देशों के हित में है। ट्रंप को चेतावनी निक्की हेली ने स्पष्ट कहा कि अगर ट्रंप प्रशासन ने भारत के साथ किसी भी तरह की दूरी बनाई या रिश्तों को कमजोर किया, तो इसका खामियाजा दोनों देशों को भुगतना पड़ेगा। उन्होंने कहा, “भारत से भरोसा टूटना अमेरिका की सबसे बड़ी गलती होगी। इससे चीन और रूस को फायदा मिलेगा और अमेरिका की वैश्विक स्थिति कमजोर हो सकती है।” हेली ने यह भी जोड़ा कि पिछले 25 सालों में भारत और अमेरिका ने एक-दूसरे पर विश्वास बनाने की दिशा में लगातार काम किया है। रक्षा समझौतों से लेकर व्यापार और शिक्षा तक, दोनों देशों के बीच रिश्ते अब एक नए मुकाम पर हैं। ऐसे में कोई भी गलत कदम इस साझेदारी को नुकसान पहुंचा सकता है। रणनीतिक साझेदारी क्यों ज़रूरी? भारत और अमेरिका दोनों की साझा चिंता चीन का बढ़ता प्रभाव है। निक्की हेली ने कहा कि अगर अमेरिका ने भारत से रिश्ते खराब किए, तो भारत मजबूरन अपनी रणनीति बदल सकता है। इससे अमेरिका इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में कमजोर पड़ सकता है। इसके अलावा, टेक्नोलॉजी, इनोवेशन और डिफेंस के क्षेत्र में भी भारत की अहमियत लगातार बढ़ रही है। अमेरिका के लिए भारत के साथ मजबूत रिश्ते रखना भविष्य की जरूरत है। फैंस और भारतीय समुदाय की प्रतिक्रिया निक्की हेली के इस बयान को भारतीय-अमेरिकी समुदाय ने भी समर्थन दिया है। अमेरिका में बसे भारतीय मूल के लोग लंबे समय से भारत-अमेरिका संबंधों को मजबूत बनाने की दिशा में काम करते रहे हैं। उनका मानना है कि अगर ट्रंप भारत के साथ रिश्तों को कमजोर करते हैं, तो यह न केवल राजनीतिक नुकसान होगा बल्कि भारतीय-अमेरिकी वोट बैंक पर भी असर पड़ेगा। बहरहाल, निक्की हेली का यह बयान इस बात का संकेत है कि भारत-अमेरिका रिश्ते अब सिर्फ कूटनीति तक सीमित नहीं रहे, बल्कि यह वैश्विक राजनीति का अहम हिस्सा बन गए हैं। ऐसे में ट्रंप या कोई भी अमेरिकी प्रशासन अगर इस रिश्ते को हल्के में लेता है, तो यह भविष्य के लिए बेहद खतरनाक साबित हो सकता है। Comments (0) Post Comment
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